Home Science Lesson Plans in Hindi | गृह विज्ञान पाठ योजना 2024

Home Science Lesson Plans in Hindi | गृह विज्ञान पाठ योजना 2024

Home Science Lesson Plan in Hindi (गृह विज्ञान पाठ योजना - लेसन प्लान हिंदी में)

Home Science Lesson Plan in Hindi ( गृह विज्ञान पाठ योजनाएं) for School teachers, B.Ed 1st and 2nd year / Semester, DELED, BTC, BSTC, NIOS, CBSE, NCERT, and all teacher training courses.

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दोस्तों, अगर आप होम साइंस के हिंदी में लेसन प्लान ( Home Science Lesson Plan in Hindi) ढूंढ रहे है| तो आप बिलकुल ठीक जगह पर है| यहां आपको गृह विज्ञान के सभी Skills जैसे की Microteaching, Mega Teaching, Discussion, Real School Teaching और Observation Skill आदि के बहुत सारे Lesson Plan मिलेंगे | जिसकी सहायता से आप अपने Home Science के लेसन प्लान हिंदी में बड़ी ही आसानी से बना पाएंगे| और साथ ही साथ अन्य विषयो पर भी Lesson Plan तैयार करने में आपको बहुत मदद मिलेगी | Home Science Lesson Plan in Hindi के सभी लिंक निचे दिए गए है|

List of All Home Science Lesson Plans in Hindi

Home Science Lesson Plan in Hindi | Grah Vigyan Path Yojna | Lesson Plan for Home Science in Hindi for B.Ed Free Download PDF | गृह विज्ञान पाठ योजना | Home Science Lesson Plan in Hindi Format

सूक्षम शिक्षण पाठ योजना ( Micro teaching Home Science Lesson Plans in Hindi)

मेगा टीचिंग लेसन ( Mega Teaching Home Science Lesson Plan in Hindi)

डिस्कशन लेसन प्लान (Discussion Lesson Plan of Home Science in Hindi)

स्कूल टीचिंग प्रैक्टिस लेसन (Real School Teaching & Practice Home Science Lesson Plan in Hindi for B.Ed)

ऑब्जरवेशन लेसंस ( Observation Lesson Plan)



Further Reference:
www.learningclassesonline.com गृह विज्ञान पाठ योजना

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अगर आप भी होम साइंस के लेसन प्लांस (पाठ योजनाएं) ढूंढ रहे हैं और वह भी हिंदी में, तो आपके लिए हमने गृह विज्ञान के सभी माइक्रो, मैक्रो, सूक्ष्म शिक्षण, ऑब्जरवेशन लेसन प्लांस की पूरी लिस्ट दी है जिसकी सहायता से आप सभी हिंदी में गृह विज्ञान के सभी लेसन प्लान बड़ी आसानी से बना सकते हैं|

अगर आप गृह विज्ञान ( Home Science) के अध्यापक/ अध्यापिका हैं या फिर किसी टीचर ट्रेनिंग कोर्स जैसे कि B.Ed, डीएलएड , बीटीसी में पढ़ रहे हैं और आपका टीचिंग सब्जेक्ट होम साइंस है तो यह पाठ योजनाएं आपके लिए बहुत मददगार साबित होंगी और साथ ही साथ आप बड़े ही अच्छे से गृह विज्ञान के हिंदी में लेसन प्लांस बनाने सीख जायेंगे| यहां हमने होम साइंस के हिंदी में सभी कक्षा 4th 5th 6th 7th 8th 9th 10th 11th और 12th सभी कक्षाओं के हिंदी में लेसन प्लान दिए हैं|

सबसे पहले हमने गृह विज्ञान की पाठ योजना में सूक्ष्म शिक्षण Microteaching Lesson Plan दिए हैं जिसमें की सभी कौशलों को लिया गया है जैसे की प्रश्न कौशल, उदाहरण कौशल, व्याख्या कौशल, उद्दीपन परिवर्तन कौशल, पुनर्बलन कौशल जिसमें हमने बहुत सारे विषय जैसे की पाचन तंत्र, रोगियों को दिया जाने वाला आहार, कपड़ों से धब्बे कैसे छुड़ाएं, रेशमी कपड़े और संतुलित आहार जैसे कई टॉपिक्स को कवर किया है| फिर उसके बाद हमने मेगा टीचिंग लेसन प्लान दिए हैं| गृह विज्ञान के Mega टीचिंग लेसन प्लान के बाद डिस्कशन और फिर स्कूल में की जाने वाली टीचिंग प्रैक्टिस के लेसन प्लान भी दिए हैं और फिर आखरी में हमने ऑब्जरवेशन की पाठ योजना के 10 लेसन प्लान भी दिए हैं जिसकी सहायता से आप होम साइंस की टीचिंग की अपनी पूरी प्रैक्टिकल फाइल और डायरी बड़ी ही आसानी से तैयार कर सकते हैं|

और जो भी होम साइंस के टीचर अभी-अभी स्कूलों में अप्वॉइंट हुए हैं उनके लिए भी यह गृह विज्ञान के लेसन प्लान बड़े मददगार होंगे और उनकी टीचिंग को और बेहतर करने में सहायता करेंगे| यह होम साइंस के हिंदी में लेसन प्लान खास तोर पर बी.एड ( B.Ed ) , DELED, BTC के सभी सेमेस्टर और ईयर में पड़ने वाले विद्यार्थियों क लिए है |

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संतुलित आहार लेसन प्लान

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भोजन का पाठ योजना

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प्रश्न कौशल पाठ योजना विज्ञान

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प्रोटीन लेसन प्लान

प्राथमिक उपचार लेसन प्लान

How To Make A Home Science Lesson Plan In Hindi

As You Know, Lesson Plans Are Detailed Descriptions Of The Course Of Instructions Or "Learning Trajectories" For Teachers. Lesson Plans Are Developed On A Daily Basis By The Home Science Teachers To Guide Class Learning.

Experienced Teachers May Make It Briefly As An Outline Of The Teacher’s Activities. A Semi-Detailed Lesson Plan Is Made By The New Teachers And It Includes All Activities And Teachers’ Questions.

A Trainee Teacher Should Make A Detailed Lesson Plan, In Which All The Activities, Teacher’s Questions, And Student’s Expected Answers Are Written Down.

Components Of The Home Science Lesson Plan In Hindi

 Home Science Lesson Plans in Hindi Consist Of The Following Components:

1. General Objectives:

It is The Overall Knowledge Obtained By The Child. It Is Useful In Real-Life Teaching.

2. Specific Objectives:

It Includes:

  • Knowledge Objectives: Students Will Be Able To Get Knowledge About The Specific Topic Of Home Science.
  • Understanding Objective: Students Will Be Able To Understand The Concept Of The Specific Topic Of Home Science.
  • Application Objectives: Students Will Be Able To Apply The Attained Knowledge In Day-To-Day Life.

3. Learning Activities:

1. Preparatory Activities:  

These Are

  • Drill: Activity Enabling Students To Automate Response To Pre-Requisite Skills Of The New Lesson.
  • Review: Activity That Will Refresh Or Renew Previously Taught Material.
  • Introduction: An Activity That Will Set The Purpose Of The Day’s Lesson.
  • Motivation: All Activities That Arouse The Interest Of The Learners (Both Intrinsic And Extrinsic)

2. Developmental Activities

These Includes:

  • Presentation Of The Home Science Lesson: The Teacher Uses Different Activities As A Vehicle To Translate The Knowledge, Values, And Skills Into Learning That Could Be Applied In Their Lives Outside The School.
  • Discussion/ Analysis: The Teacher Asks A Series Of Effective Or Cognitive Questions About The Lesson Presented.
  • Abstraction/ Generalization: The Complete Summarization Of The Information Takes Place Before The Actual Presentation.
  • Closer /Application: This Relates The Lesson To Other Situations In Forms Of
    • Dramatization,
    • Simulation And Play,
    • Storytelling,
    • Oral Reading,
    • Construction/ Drawing,
    • Written Composition,
    • Singing Or Reciting A Poem,
    • A Test,
    • Or Solving Problems.

Evaluation:

It Is A Method Or Way Of Checking Or Evaluating The Objectives Met By The Previous Lessons. Questioning, Summarizing, Comparing, Presenting The Previous Learning, Assigning Work, Administering A Short Quiz, Etc. Come Under This.

Assignment:

  • Teachers Prepare This Activity Outside The School Or At Home. Students Bring The Material Needed In The Classroom.
  • These Activities Should Help Attain The Lesson’s Objective.
  • It Should Be Interesting And Differentiated (With Provision For Remedial, Reinforcement, And Enrichment Activities.)

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Micro Teaching Home Science Lesson Plan In the Hindi Language

Mega Teaching Home Science Lesson Plans In Hindi Medium

Simulated Teaching Home Science Lesson Plan In Hindi

Real School Teaching And Practice Home Science Lesson Plan For B.Ed And Deled 1st Year 2nd Year In Hindi

JAMIA, MDU, CRSU, DU, IGNOU, IPU University Home Science Lesson Plans In Hindi

Reshmi Vastra Lesson Plan In Hindi : रेशमी वस्त्र पाठ योजना

रेशम प्राकृतिक प्रोटीन से बना रेशा है | रेशम के रेशों से वस्त्र बनाए जाते हैं | यह प्रोटीन रेशों में मुख्यत: फिब्रोइन(fibroin) होता है | यह रेशे कुछ कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है |सबसे उत्तम रेशम शहतूत के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है|

  • रेशम एक प्रकार का महीन चमकीला और मजबूत तंतु या रेशे जिससे कपड़े बुने जाते हैं
  • यह तंतु कोश में रहने वाले एक प्रकार के कीड़े तैयार करते हैं |
  • रेशम के कीड़े पिल्लू कहलाते हैं और बहुत तरह के होते हैं जैसे विलायती, मद्रासी या कनारी चीनी आराकानी इत्यादि चीनी बूलू और बड़े पिल्लू का रेशम सबसे अच्छा होता है |
  • यह कीड़े तितली जाति के होते हैं|
  • अंडा फूटने पर यह बड़े पिल्लू के आकार के में होते हैं और रेंगते हैं इस अवस्था में यह पत्तियां बहुत खाते हैं |

शहतूत की पत्ती इनका सबसे अच्छा भोजन है | यह पिल्लू बढ़कर एक कोश बनाकर उसके भीतर हो जाते हैं उस समय इन्हें कोया कहते हैं| उसके भीतर ही यह कीड़ा वह तंतु निकालता है| जिसे रेशम कहते हैं कोश के भीतर रहने की अवधि जब पूरी हो जाती है तब कीड़ा रेशम को काटता हुआ निकलकर उड़ जाता है | इससे कीड़े पालने वाले निकलने के पहले ही कोयो को गर्म पानी में डालकर कीड़ों को मार डालते हैं और तब ऊपर का रेशम निकालते हैं| इन्हीं रेशम के तंतुओं को बुनकर रेशमी वस्त्र तैयार किए जाते हैं |

  • कक्षा : 7
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : रेशमी वस्त्र
  • लेसन प्लान टाइप : माइक्रो टीचिंग (सूक्षम शिक्षण )
  • कौशल : उद्दीपन कौशल

Date :

Duration Of The Period :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्राए क्रियाएं

अध्यापिका एक चार्ट को दिखाती हुई कहती है, कि इस चार्ट पर किसका चित्र है |

मधुमक्खी, शहतूत, शहतूत की पत्ती आदि का चित्र है |

अच्छा बच्चों बताओ जब हम किसी शादी या पार्टी में जाते हैं तो कैसे कपड़े पहनते हैं |

चमकने वाली रेशमी वस्त्र पहनते हैं|

रेशमी:-
  • रेशम या सिल्क के रेशे भी जावत रेशे होते हैं
  • रेशमी किट रेशम के फाइबरों के बनाते हैं
  • रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम के कीड़ों को पालना रेशम कीट कहलाता है ।

सभी छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी |

{अंतः क्रिया शैली में परिवर्तन}


थोड़ी देर में मौन रहने के बाद रेशम कीट पालने को और क्या कहते हैं ?




सेरीकल्चर कहते हैं।

  • रेशम का धागा रेशम कीट के कोकन से तैयार किया जाता है,
  • रेशम कीट अनेक प्रकार की होते हैं जो एक दूसरे से अलग दिखाई देते हैं और उन से प्राप्त होने वाला रेशम का धागा गठन अर्थात चिकनाहट चमक आदि में भिन्न होते हैं |

बच्चे ध्यान पूर्वक सुनेगी और शांति पूर्वक बैठेगी।

संचलन :- सामान्य रेशम कीट किस वृक्ष के ऊपर पाए जाते हैं ?

{दृश्य मौखिक बदलाव}

रेशम कीट से क्या प्राप्त होते हैं?

शहतूत के वृक्ष के ऊपर पाए जाते हैं।



कोकीन से प्राप्त होते हैं।

केंद्रण: –

कोकीन से ही रेशम बनता है या लचीला और चमकदार होता है इसे अपनी इच्छा के अनुसार रंगों से रंगा जाता है। और फिर इसके रेशे तैयार किए जातेहैं।

ये रेशे ही हमारे रेशमी धागे बनते हैं। इनके बाद इससे विभिन्न प्रकार के रेशमी वस्त्र तैयार किए जाते हैं ।

शहतूत के वृक्ष के ऊपर पाए जाते हैं।

कोकीन से प्राप्त होते हैं।

क्रमांक

घटक

रेटिंग स्केल

1

शरीर संचालन

0,1,2,3,4,5,6

2

हाव-भाव

0,1,2,3,4,5,6

3

आवाज में उतार-चढ़ाव भाव केंद्रीय करण

0,1,2,3,4,5,6

Vitamin C Ka Avshoshan Lesson Plan In Hindi : विटामिन सी का अवशोषण और चपापचय

स्वस्थ रहने के लिए विटामिन सी का सेवन बेहद जरूरी है। विटामिन सी इम्यूनिटी मजबूत करता है जिसकी वजह से हमारा शरीर सभी रोगों से लड़ता है । विटामिन सी में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हड्डियों, मांसपेशियों, स्किन और रक्त वाहिकाओं को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद पहुंचाता है साथ ही कोलेजन बनाने में भी मददगार है।

विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है और सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर है।

एक आवश्यक विटामिन होने के कारण, यह मानव शरीर द्वारा निर्मित नहीं होता है बल्कि यह स्वस्थ आहार के माध्यम से प्राप्त होता है। यह कई फलों और सब्जियों में मौजूद होता है जिसमे नीबू में सबसे ज्यादा पाया है| विटामिन C पानी में घुलनशील विटामिनों में से एक है। विटामिन सी शरीर को अनेक बीमारियों से बचाता है और यह स्किन और बालों की भी देखभाल करता है।


  • कक्षा: 8
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : विटामिन सी का अवशोषण
  • लेसन प्लान टाइप : Mega Teaching

Date :

Duration Of The Period :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

अनुदेशात्मक उद्देश्य :

  1. विद्यार्थी विटामिन सी का अवशोषण तथा तथा चयापचय को पहचानने योग्य होंगी |
  2. विद्यार्थी विटामिन सी का अवशोषण तथा चयापचय का प्रत्यास्मरण करने योग्य होंगे |
  3. विद्यार्थी विटामिन सी का अवशोषण तथा चयापचय का उदाहरण देने योग्य होंगे |
  4. विद्यार्थी विटामिन सी का अवशोषण तथा चयापचय के से संबंध रखने योग्य होंगे |
  5. विटामिन सी विद्यार्थी विटामिन सी का अवशोषण तथा चयापचय का निष्कर्ष निकालने योग्य होंगे |
  6. विद्यार्थी विटामिन सी का अवशोषण तथा चयापचय कारण बताने योग्य होंगे |
  7. विद्यार्थी विटामिन सी का अवशोषण तथा चयापचय संश्लेषण करने योग्य होंगे |

सहायक सामग्री :

  • (क ) सामान्य सामग्री : चार्ट, झाडन , श्यामपट्ट आदि |
  • (ख ) विशिष्ट सामग्री : चित्र, चार्ट मॉडल, पोस्टर आदि |

पूर्व ज्ञान छात्र :

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

विभिन्न भोज्य पदार्थ कौन कौन से होते हैं ?

चावल, गेहूं, मक्का , जो आदि|

भोजन से कौन-कौन से पौष्टिक उपस्थित होते हैं ?

उत्तर संतोषजनक प्राप्त नहीं होता है |

उद्देश्य कथन:

अच्छा बच्चों आज हम विटामिन सी का अवशोषण तथा चयापचय के बारे में अध्ययन करेंगे |

प्रस्तुतीकरण

विषय वस्तु

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

विटामिन सी

विटामिन सी सफेद रवेदार पदार्थ है जो पानी में घुलनशील होता है। और शीघ्र ही नष्ट हो जाता है यह ताप प्रकार क्षार ऑक्सीकारक एंजाइम कॉपर तथा लोहे की उपस्थिति में नष्ट हो जाता है|

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

छात्राएं शांत बैठेगी

विटामिन सी के कार्य

कोलेजन बनने में सहायता करना
  • कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन है जो शरीर के विभिन्न तंतुओं को बांधने का कार्य करता है
  • कोलेजन जख्मों को भरने में सहायता करता है
  • शरीर के निर्माण में लोहे के अवशोषण में सहायता करना
  • यह कैल्शियम को अवशोषण में भी सहायता करता है
  • यह शरीर की संक्रामक रोगों से जैसे तपेदिक रियुमैटिक ज्वर निमोनिया आदि से रक्षा करता है|

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

बोध परीक्षण

विटामिन सी कैसा पदार्थ है ?

विटामिन सी सफेद रवेदार पदार्थ है, जो पानी में घुलनशील है |

बोध परीक्षण

गुर्दे का शरीर में क्या कार्य है

गुर्दे शरीर में विटामिन सी का निष्कासन को नियंत्रित करते हैं |

विटामिन सी की कमी

  • विटामिन सी की कमी के कारण स्कर्वी नाम का रोग हो जाता है
  • सामान्य रूप से जिन क्षेत्रों में सूखा पड़ा करता है तथा हरी और ताजी सब्जियां उपलब्ध नहीं हो पाती हैं उन क्षेत्रों में स्कर्वी नामक रोग अधिक पाया जाता है |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

स्कर्वी रोग के लक्षण

  • विटामिन सी की कमी से घुटनों तथा टांगो में सूजन आ जाती है
  • हाथों तथा बाजुओ में दर्द तथा चेतना, शून्य, थकावट, मांसपेशियों का बालों में छोटी-छोटी फुंसियां कैरियेसिस तथा इसमें दर्द बनाना ,,दांत गिरना रक्त बहना ,जख्म ना भरना ,इसके लक्षण दिखाई देते हैं |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

बोध परीक्षण

एनीमिया में कौन से लक्षण दिखाई देते हैं?

स्कर्वी रोग मांसपेशियों का कमजोर होना, मांसपेशियों में दर्द होना |

बोध परीक्षण

वयस्क स्कर्वी के लक्षण बताओ

  • मसूड़ों में सूजन
  • रक्त बहना
  • दांत गिरना
  • जख्म ना भरना आदि

पुनरावृति :

  1. शरीर में विटामिन सी के क्या कार्य हैं ?
  2. शरीर में विटामिन सी की कमी से क्या प्रभाव दिखाई देता है?
  3. विटामिन सी के स्रोत कौन से हैं?

गृह कार्य :

विटामिन सी के अवशोषण तथा चयापचय को याद करके आना है |



Vibhinn Khad Padartho Ka Sangthan Lesson Plan In Hindi : विभिन्न खाद्य पदार्थों का संगठन पाठ योजना

भोजन मनुष्य की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण आधारभूत आवश्यकता है जिसके बिना कोई भी प्राणी जीवन की कल्पना नहीं कर सकता है। जीवन के प्रारंभ से जीवन के अंत तक शांत करने तथा शारीरिक विकास के लिये मनुष्य को भोजन की आवश्यकता होती है। हमारा शरीर कोशिकाओं से निर्मित है।

शरीर के कुल वज़न का 70 प्रतिशत भाग तो जल है। गर्मी में जब पसीना द्वारा जल शरीर से निकल जाता है, तो वह जल की माँग करता है। उसी तरह शरीर की कोशिकाएँ तथा उत्तकें अपने जीवन के लिए पोषक तत्त्वों की माँग करते हैं। हमारे खाद्य पदार्थो में उनकी आवश्यकतओं के पोषक तत्त्व होते हैं।

प्रोटीन का रासायनिक संगठन अत्यंत जटिल है। यह कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, गंधक, नाइट्रोजन, फास्फोरस आदि 18 तत्व हैं जिन्हें अमीनोएसिड कहते है, का सम्मिश्रण है। कुछ को छोड़कर अधिकांश प्रोटीन घुलनशील है |

  • कक्षा : 8th, 9th, 10th
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : विभिन्न खाद्य पदार्थों का संगठन
  • लेसन प्लान टाइप : Mega Teaching

Date :

Duration Of The Period :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

अनुदेशात्मक उद्देश्य :

  1. विद्यार्थी विभिन्न खाद्य पदार्थों को पहचानने योग्य होंगे |
  2. विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को अपने दैनिक जीवन में उपयोग करने योग्य होंगे |
  3. विद्यार्थी विभिन्न खाद्य पदार्थों का अंतर करने योग्य होंगे |
  4. विद्यार्थी विभिन्न खाद्य पदार्थों का प्रत्यास्मरण करने योग्य होंगी |
  5. विद्यार्थी खाद्य पदार्थों का विश्लेषण करने योग्य होंगे |
  6. विद्यार्थी खाद्य पदार्थों का मूल्यांकन करने योग्य होंगे |
  7. विद्यार्थी खाद्य पदार्थों का परिकल्पना करने योग्य होंगे |

सहायक सामग्री :

  • सामान्य सामग्री : चार्ट ,चाक,झाडन, संकेतन आदि
  • विशिष्ट सामग्री: रेखाचित्र, पोस्टर, मॉडल आदि

पूर्व ज्ञान परीक्षा :

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

आहार से प्राप्त होने वाली पोषक तत्वों से शरीर के लिए क्या लाभ होता है ?

पोषक तत्व हमारे शरीर का वृद्धि और विकास करते हैं |

किस आहार को ग्रहण करने से मैलेग्रा नामक रोग होने की आशंका रहती है ?

उत्तर संतोषजनक प्राप्त नहीं होता है |

उद्देश्य कथन :

अच्छा बच्चों आज हम खाद्य पदार्थों के बारे में अध्ययन करेंगे |

प्रस्तुतीकरण:

विषय वस्तु

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

खाद्य पदार्थ गेहूं

गेहूं के पोषक तत्व

आहार में विभिन्न पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं गेहूं के 100 ग्राम आटे में 11.8 ग्राम प्रोटीन, 1.5 ग्राम वसा, 1.2 ग्राम रेट, 7.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.32 ग्राम फास्फोरस, 0.53 ग्राम लोहा खनिज की मात्रा पाई जाती है |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी छात्राएं शांत बैठेगी |

बोध परीक्षण

100 ग्राम में गेहूं में कितने ग्राम कैल्शियम पाया जाता है ?

0.5 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है |

बोध परीक्षण

अंकुरित गेहूं की तुलना में सामान्य उनकी तुलना से किस विटामिन की मात्रा अधिक है?

विटामिन सी और विटामिन ई

चावल

चावल भी एक लोकप्रिय खाद्यान्न हैं विश्व के विभिन्न भागों में लोगों का मुख्य आहार चावल ही है

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी|

मक्का

  • मक्का भी विश्व के अनेक भागों में मिलने वाला एक मुख्य खाद्यान्न माना जाता है
  • अन्य खाद्यान्नों की तुलना में मक्का में प्रोटीन अधिक पाया जाता है और शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित तत्वों द्वारा लाभदायक तत्व भी है|

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी छात्राएं शांत बैठेगी |

बोध परीक्षण

100 ग्राम गेहूं कितनी कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है ?

लगभग 380 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है |

बोध परीक्षण

चावल में सर्वाधिक मात्रा में क्या पाई जाती है?

मक्का के अधिक सेवन से पैलेग्रा नामक रोग होने की आशंका बनी रहती है इसलिए अधिक मात्रा में मक्का का सेवन नहीं करना चाहिए |

कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी |

जौ

  • अन्य खाद्यान्नों के समान जौ में भी सर्वाधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट ही पाया जाता है
  • जौ में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा लगभग 72% पाई जाती है
  • जौ से 10.2% तक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है जौ में विभिन्न विटामिन यायामिन नियासिन पेंटोसिक एसिड तथा माइरिदाक्सिन की समुचित मात्रा विद्यमान है|

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी छात्राएं शांत बैठेगी |

पुनरावृति :

  • मनुष्य अपने आहार में मुख्य रूप से किन-किन खाद्यान्नों को सम्मिलित करता है ?
  • गेहूं में मुख्य रूप से कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं ?
  • चावल में किस किस विटामिन का प्राया अभाव होता है ?

गृह कार्य :

गेहूं, चावल ,मक्का, जौ का विस्तार में वर्णन करके लाइए |


Swasthya Evam Sharirik Swachhta Lesson Plan In Hindi : स्वास्थ्य एवं शारीरिक स्वच्छता पाठ योजना

स्वच्छता से मनुष्य के जीवन को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत से लाभ हो सकते हैं। अच्छा स्वास्थ्य किसी के भी जीवन को बेहतर बना सकता है। क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र स्वच्छता है। स्वच्छता का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि साफ सफाई नहीं होगी तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रह पाएगा।

स्वस्थ हम तभी रह सकते हैं, जब हम अपने आसपास की गंदगी को दूर कर बीमारियों से बचकर अच्छा जीवन जी सकते हैं। सभी लोगों को स्वच्छता को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए। और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने से कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। क्योंकि स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन की कुंजी है।

  • कक्षा : 6, 7 ,8 , 9
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : स्वास्थ्य एवं शारीरिक स्वच्छता
  • लेसन प्लान टाइप : Mega Teaching

Date :

Duration Of The Period :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

अनुदेशात्मक उद्देश्य :

  1. विद्यार्थी स्वास्थ्य रक्षा व शारीरिक स्वच्छता को पहचानने योग्य होंगे |
  2. विद्यार्थी स्वास्थ्य रक्षा व शारीरिक स्वच्छता का प्रत्यास्मरण करने योग्य होंगे |
  3. विद्यार्थी स्वास्थ्य रक्षा व शारीरिक स्वच्छता महत्व समझने योग्य होंगे |
  4. विद्यार्थी स्वास्थ्य रक्षा व शारीरिक स्वच्छता का अंतर करने योग्य होंगे |
  5. विद्यार्थी स्वास्थ्य रक्षा व शारीरिक स्वच्छता का अर्थ बताने योग्य होंगे |
  6. विद्यार्थी स्वास्थ्य रक्षा व शारीरिक स्वच्छता का निष्कर्ष निकालने योग्य होंगे |
  7. विद्यार्थी अपनी तथा दूसरों के स्वास्थ्य रक्षा व शारीरिक स्वच्छता पर ध्यान देने योग्य होंगे |

सहायक सामग्री :

  • सामान्य सामग्री : चाक ,डस्टर , चौक ,संकेतक आदि |
  • विशिष्ट सामग्री : मॉडल, चित्र ,चार्ट पोस्टर आदि |

पूर्वज्ञान परीक्षा :

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से कैसा होना चाहिए ?

स्वस्थ होना चाहिए |

शारीरिक दृष्टि से व्यक्ति का मानसिक एम कैसा होना चाहिए ?

उत्तर संतोषजनक प्राप्त नहीं होता है |

उद्देश्य कथन :

अच्छा बच्चों हम आज शारीरिक स्वच्छता व स्वास्थ्य रक्षा के बारे में अध्ययन करेंगे |

प्रस्तुतीकरण :

विषय वस्तु

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

व्यक्ति के स्वास्थ्य का संबंध उसके शरीर मन तथा संवेग से होता है जो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक तथा संवेगात्मक दृष्टि से पूरी तरह सामान्य होता है उसे ही पूर्ण स्वस्थ कहा जाता है |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

छात्राएं शांतिपूर्वक बैठेगी

स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक

स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक निम्न है :

  1. संतुलित भोजन
  2. रोग से मुक्ति
  3. रहन–सहन दिनचर्या
  4. व्यायाम
  5. शारीरिक स्वच्छता
  6. विश्राम तथा निद्रा

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

छात्राएं शांतिपूर्वक बैठेगी

स्वास्थ्य की देखरेख तथा रक्षा

व्यक्तिगत स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए निम्न बातों का पालन करना चाहिए|

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

नियमबद्धता

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन के दैनिक कार्यों शौच आदि नित्य होना, व्यायाम करना, स्वस्थ रहना, नाश्ता व भोजन आदि समय से करना |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

छात्राएं शांतिपूर्वक बैठेगी

बोध परीक्षण

प्रतिदिन नियमित स्नान करने से क्या लाभ है?

शारीर स्वच्छ रहता है |

बोध परीक्षण

व्यायाम किस प्रकार होना चाहिए?

जो शारीर के लिए हानिकारक न हो |

शारीरिक स्वच्छता

स्वच्छ व्यक्ति का शरीर क्रियाशील और स्फूर्ति वान बना रहता है तथा शारीरिक स्वच्छता निम्न प्रकार करनी चाहिए :

  • त्वचा की स्वच्छता,
  • मुंह तथा दातों की स्वच्छता,
  • नाखूनों की स्वच्छता,
  • आंख कान नाक की स्वच्छता आदि |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

छात्राएं शांतिपूर्वक बैठेगी

व्यायाम करना

व्यायाम शरीर की मांसपेशियों को आवश्यक क्रियाशीलता देता है शरीर व्यायाम करने से स्फूर्ति वान हो जाता है तथा सुंदर दिखता है

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

छात्राएं शांतिपूर्वक बैठेगी

बोध परीक्षण

शारीरिक व्यायाम करने से क्या लाभ है?

शरीर हष्ट पुष्ट फुर्तीला तथा सुंदर हो जाता है |

विश्राम तथा निद्रा

शरीर के थकान को दूर करने तथा फिर से कार्य करने की शक्ति उत्पन्न करने के लिए आराम की अति आवश्यकता होती है इससे कार्यकुशलता बढ़ती है व्यक्ति आरामदायक स्थान पर अच्छी तरह से सोता है |

पुनरावृति :

  1. स्वास्थ्य का क्या अर्थ है ?
  2. शरीर के सफाई के अंतर्गत किन किन अंगो की सफाई की जाती है?
  3. स्वास्थ्य की देखरेख तथा रक्षा पालन करते समय रक्षा का पालन करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

गृह कार्य :

स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करके लाइए


Bhojan Ka Vibhajan Lesson Plan In Hindi : भोजन का विभाजन पाठ योजना

  • कक्षा : 7
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : भोजन का विभाजन
  • लेसन प्लान टाइप : Mega Lesson Plan

Date :

Duration Of The Period :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

अनुदेशात्मक उद्देश्य :

  1. विद्यार्थी भोजन का विभाजन को पहचानने योग्य होंगे |
  2. विद्यार्थी भोजन का विभाजन का प्रत्यास्मरण करणी योग्य होंगे |
  3. विद्यार्थी भोजन के विभाजन का उदाहरण देने योग्य होंगे |
  4. विद्यार्थी भोजन के विभाजन का अर्थ बताने योग्य होंगे |
  5. विद्यार्थी भोजन के विभाजन निष्कर्ष निकालने योग्य होंगे |
  6. विद्यार्थी भोजन के विभाजन का मूल्यांकन करने योग्य होंगे |
  7. विद्यार्थी भोजन के विभाजन का विश्लेषण करने योग्य होंगे

  • सहायक सामग्री : चाक, डस्टर ,संकेतन आदि
  • विशिष्ट सामग्री : चित्र, चार्ट

पुनर्ज्ञान परीक्षा :

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

आप जानते हैं कि शरीर के लिए कौन-कौन से तत्व जरूरी हैं |

अनाज ,दाले , हरी सब्जियों आदि तत्वों की जरूरत पड़ती है |

हमारे शरीर के लिए किन-किन आवश्यक तत्वों की जरूरत पड़ती है ?

उत्तर संतोषजनक प्राप्त नहीं होता है |

उद्देश्य कथन : अच्छा बच्चों आज हम भोजन के तत्वों और उनके प्राप्ति के साधन के बारे में पढ़ेंगे |

प्रस्तुतीकरण

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

भोजन का विभाजन :

भोज्य पदार्थ और खाद्य सामग्री को दो भागों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है |

  1. पौधों द्वारा प्राप्त भोज्य पदार्थ
  2. जंतुओं द्वारा प्राप्त भोज्य पदार्थ


पौधों अर्थात वनस्पतियों से प्राप्त भोज्य पदार्थों को 9 भागों में बांटा जा सकता है । जो इस प्रकार है –

  1. अनाज
  2. दाले
  3. हरी सब्जिया
  4. जड़ो वाली सब्जिया
  5. फल
  6. सूखे मेवे
  7. विभिन्न प्रकार के मसाले
  8. वनस्पति दूध
  9. शर्करा , चीनी
  10. मूग की दाल

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

छात्राएं शांत बैठेगी |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

अनाज :

अनाज में गेहूं, चना, चावल, मक्का, बाजरा आदि अधिकतर प्रयोग किए जाते हैं |

छात्राएं शांत बैठेगी |

हमारे देश में लगभग 70% से 80% लोगों ने अनाजों से कार्बोहाइड्रेट लेते हैं कुछ अनाजों में प्रोटीन पाया जाता है।

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

दाल :

दालों में प्रोटीन अधिक मात्रा में मिलता है अंकुरित दालें विटामिन सी का उत्तम स्रोत हैं |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

हरी सब्जियां:

हरी साग सब्जियां जैसे पालक, चौलाई, बथुआ, धनिया और पत्तेदार सब्जियां प्रत्येक व्यक्ति के लिए भोजन में इन हरी सब्जियों का समावेश बहुत जरूरी है।

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

छात्राएं शांत बैठेगी |

बोध परीक्षण :

  1. विटामिन सी का उत्तम स्रोत क्या है?
  2. कम मात्रा में खनिज लवण किस में पाए जाते हैं ?

अंकुरित दालें
कम मात्रा में अनाज में खनिज लवण पाए जाते हैं।

जड़ वाली सब्जियां :

इस वर्ग में आलू, शकरकंद, शलजम, गाजर, मूली, चुकंदर आदि पाए जाते हैं|

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

फल :

आंवला विटामिन सी का स्रोत है ,पपीता तथा अन्य पीले रंग के फलों से कार्बोहाइड्रेट्स मिलते हैं |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी |

सूखे मेवे :

सूखे मेवे काजू , बादाम, अखरोट, किशमिश, मुनक्का, पिस्ता, सिंघाड़ा आदि से प्रोटीन लोहा और विटामिन मिलता है।



छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी और शांत बैठेगी |

शर्करा, चीनी :

शर्करा हमें कार्बोहाइड्रेट्स देते हैं यह अधिकतर शहद, गुड, गन्ने के रस से प्राप्त होते हैं |



छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी और शांत बैठेगी |

पुनरावृति :

  1. पौधों से प्राप्त होने वाले भोज्य पदार्थ कौन कौन से हैं ?
  2. फैशन मा अनाजों से हमें क्या मिलता है ?
  3. सबसे अधिक मात्रा किस में मिलती है ?

गृह कार्य :

भोजन का विभाजन पाठ याद करके आइएगा |


Santulit Aahar Lesson Plan In Hindi : संतुलित आहार पाठ योजना

फलों और सब्जियों से भरपूर आहार वैज्ञानिक रूप से कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए सिद्ध हुआ है, जैसे कि कई पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करना और आपके शरीर को स्वस्थ रखना। संतुलित आहार वह आहार है जिसमें सभी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज-लवण और जल शारीरिक जरूरत के हिसाब से उचित मात्रा में मौजूद हो।

संतुलित आहार न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि लंबी उम्र भी प्रदान करता है। यह व्यक्ति के वजन को संतुलित रखने के साथ ही उत्तम स्वास्थ को बनाए रखने में काफी मददगार होता है। इसके इस्तेमाल से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमताओं का विकास होता है।

संतुलित आहार के लिए जरूरी है कि खाने में सभी खाद्य समूहों जैसे अनाज, दालें, हरी सब्जियां, फल, डेयरी प्रोडक्ट, अंडा, मांस, मछली, वसा, मौसम में उपलब्ध फल और सब्जियों का सेवन पर्याप्त मात्रा में किया जाए।

  • कक्षा : 7
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : संतुलित आहार
  • लेसन प्लान टाइप : माइक्रो टीचिंग
  • कौशल : पुनर्बलन कौशल

Date :

Duration Of The Period :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

बच्चों कल हमने संतुलित आहार के बारे में पढ़ा था आज हम उससे संबंधित कुछ प्रश्न करेंगे |

तो बच्चों हमारा विषय संतुलित आहार है|

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी

तो बताओ संतुलित आहार से आपका क्या आश्रय हैं?

[ शाबाश]

जो आहार के समस्त कार्यों को भली-भांति पूरा करता है उसे संतुलित आहार कहते हैं।

पौष्टिक आहार में कौन–कौन से तत्व पाए जाते हैं?

[ बहुत अच्छा]

प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट वसा जल खनिज लवण विटामिन

संतुलित आहार का क्या अर्थ होता है?

संतुलित भोजन का अर्थ ऐसे भोजन से है जो हमारे जीवन में भोजन संबंधित सभी आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करके हमें स्वस्थ रखता है|

छात्राएं मौन रहती हैं|

पोषण संबंधित आहार में क्या–क्या होना चाहिए?

[ बहुत अच्छा]

पोषण संबंधित आहार में अनाज दाल हरी सब्जियां फल मेवा मछली अंडा तथा तथा शर्करा युक्त वस्तु लेनी चाहिए|

अतः शरीर को ठीक प्रकार से चलाने अर्थात संचालन के लिए एक औसत व्यक्ति के लिए 100 ग्राम प्रोटीन, 100 ग्राम वसा तथा 300 ग्राम कार्बोहाइड्रेट अर्थात 1; 1;;3 का अनुपात में प्रोटीन वसा तथा कार्बोहाइड्रेट होनी चाहिए।

छात्राए ध्यानपूर्वक सुनेगी |

संतुलित भोजन के गुण कौन–कौन से हैं?

[ बहुत अच्छा]

भोजन के सभी तत्व इसमें आवश्यक हैं।

छोटे बच्चों के लिए संतुलित आहार क्या होना चाहिए?

[ शाबाश]

छोटे बच्चों के लिए आहार दूध दाल दलिया फलों का जूस तथा हल्की चीजें होना चाहिए।

भोजन से हमें क्या मिलता है ?

[ बहुत अच्छा]

भोजन से हमें ऊर्जा मिलती है|

पौष्टिक आहार हमारे लिए क्यों आवश्यक है?

[शाबाश]

स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार आवश्यक है।

क्रमांक

घटक

रेटिंग स्केल

1

स्वीकारात्मक कथनों का प्रयोग

0,1,2,3,4,5,6

2

विद्यार्थी के सुझाव का समर्थन

0,1,2,3,4,5,6

3

विद्यार्थी का उत्साहवर्धन

0,1,2,3,4,5,6

4

हाव भाव व अन्य अशांति शब्दों का प्रयोग

0,1,2,3,4,5,6

5

पुनर्बलन का उपयोग प्रयोग

0,1,2,3,4,5,6

6

विद्यार्थी के सभी उत्तरों को श्यामपट्ट पर लिखना

0,1,2,3,4,5,6

Samanya Bimariyan Lesson Plan In Hindi : सामान्य बीमारियाँ पाठ योजना

  • कक्षा : 10
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : सामान्य बीमारियाँ
  • लेसन प्लान टाइप : Discussion

Date :

Duration Of The Period :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

अनुदेशात्मक उद्देश्य :

  1. विद्यार्थी सामान्य बीमारियों को पहचानने योग्य होंगे |
  2. विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की सामान्य बीमारियों को समझने योग्य होंगे |
  3. विद्यार्थी सामान्य विचारों में बीमारियों में अंतर करने योग्य होंगे |
  4. विद्यार्थी सामान्य बीमारियों का अर्थ बताने योग्य होंगे |
  5. विद्यार्थी सामान्य बीमारियों का निष्कर्ष निकालने योग्य होंगे |
  6. विद्यार्थी सामान्य बीमारियों के बारे में संश्लेषण करने योग्य होंगे |
  7. विद्यार्थी सामान्य बीमारियों का मूल्यांकन करने योग्य होंगे|

सहायक सामग्री :

  • (क ) सामान्य सामग्री : संकेतक, श्यामपट्ट
  • (ख )विशिष्ट सामग्री : मॉडल, चित्र, पोस्टर

पूर्व ज्ञान परीक्षा :

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

मलेरिया किस जाति के मच्छर के काटने से होता है ? मलेरिया से बचने के उपाय बताइए

मलेरिया एनाफिलीज नामक मादा मच्छर के काटने से होता है

फाइलेरिया किस जाति के मच्छर के काटने से होता है ?

फाइलेरिया नामक रोग क्युलेक्स जाति के मच्छर के काटने से होता है |

मलेरिया से बचने के उपाय बताइए |

| उत्तर संतोषजनक प्राप्त नहीं हुआ |

उद्देश्य कथन : अच्छा बच्चों आज हम सामान्य बीमारियों के बारे में अध्ययन करेंगे |

प्रस्तुतीकरण :

विषय वस्तु

छात्राध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

सामान्य बीमारियां

मनुष्य के शरीर में होने वाली अनेक ऐसी बीमारियां हैं जो विभिन्न सूक्ष्म जीवों से उत्पन्न होती हैं |


जैसे :- जीवाणुओं विषाणुओं तथा फफूंदी आदि के कारण फैलती हैं ये सूक्ष्म जीव किसी न किसी माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तथा हमें रोगों का शिकार बना देते हैं |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी

छात्राएं शांति पूर्वक बैठेगी

मलेरिया

मलेरिया एक भयंकर बीमारी है कभी-कभी इसके कारण मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है यह बीमारी एनाफिलीज मादा मच्छर के काटने से उत्पन्न होती है या मादा मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसके रक्त में जीवाणुओं का प्रवेश कर जाते हैं और बीमारी उत्पन्न कर देते हैं |

छात्राएं ध्यानपूर्वक सुनेगी

छात्राएं शांति पूर्वक बैठेगी

मलेरिया के लक्षण

इसका प्रथम तथा प्रमुख लक्षण ज्वर है जो बार-बार उतरता और चढ़ता है

  1. इसमें ज्वर आने पर बहुत ठंड लगती है |
  2. रोगी व्यक्ति की का पूरा शरीर कांपने लगता है
  3. पित्त का बमन होता है |
  4. सिर भारी रहता है |
  5. कभी-कभी उसका जी भी मिचलाने लगता है

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

अथवा अपनी उत्तर पुस्तिका में भी नोट करेंगी

मलेरिया से बचाव हेतु उपाय

अपने घर अथवा आस-पास के गड्ढों अथवा बर्तनों में पानी एकत्र ना होने दें क्योंकि ऐसे पानी में मच्छर पनपते हैं |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

और शांत बैठने की बैठेगी

मलेरिया से बचाव

तालाबों, बावरियों आदि के जल पर मच्छर मारने की दवाइयों का नियमित छिड़काव किया जाए ताकि उनके पानी में उपस्थित मच्छर मर जाएं कमरों में फिल्ट का छिड़काव करने से भी मच्छर मर जाते हैं रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं ताकि मच्छर के काटने से बचे रहें |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

और शांत बैठने की बैठेगी

बोध परीक्षण

मलेरिया रोग किस मच्छर के काटने से होता है ?

मलेरिया रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है |

बोध परीक्षण

मलेरिया होने पर क्या होता है ?

मलेरिया ज्वर होने पर बहुत ठंड लगती है |

फाइलेरिया रोग

फाइलेरिया भी मच्छरों के काटने से उत्पन्न होने वाला एक गंभीर रोग है यह रोग क्युलेक्स जाति के मच्छर द्वारा काटने से होता है इस जाति के मच्छर आमतौर पर कमरे में अंधेरे स्थानों तथा गहरे रंग के कपड़ों में छुप जाते हैं यह रात होने पर अपने स्थानों से निकलते हैं तथा मनुष्य को काटते हैं अपने –अपने रोगों का शिकार बना देते हैं जिससे मनुष्य बीमार हो जाते हैं और धीरे-धीरे यह रोग ग्रसित होने लगते हैं पैरों में दर्द और सूजन होने लगता है |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

और शांत बैठने की बैठेगी

फाइलेरिया रोग

चलने फिरने में तकलीफ महसूस करता है तथा एक हफ्ते बाद इलाज ना होने पर वह आदमी एकदम कहीं आ जा नहीं सकता है तथा उसका खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है मनुष्य अपनी इस रोग का इलाज नहीं करवाते हैं तो वह बैठक हो जाते हैं कहीं आ जा नहीं सकते हैं |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

और शांत बैठने की बैठेगी

फाइलेरिया रोग के लक्षण

  1. पैरों में सूजन आ जाती है |
  2. चलते समय परेशानी होती है |
  3. पांव जमीन पर नहीं रखा जाता |
  4. पैरों में दर्द होने लगता है |

छात्राएं ध्यान पूर्वक सुनेगी

और शांत बैठने की बैठेगी

बोध परीक्षण

फाइलेरिया रोग किस मच्छर के काटने से होता है ?

फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है |

बोध परीक्षण

फाइलेरिया रोग होने के क्या लक्षण हैं ? और कौन-कौन से हैं ?

इस रोग में पांव में सूजन हो जाती है और पैरों में दर्द होता है चलते समय परेशानी होती है |

पुनरावृति :

  1. मलेरिया रोग कैसे होता है ?
  2. मलेरिया रोग होने पर क्या होता है ?
  3. फाइलेरिया रोग के क्या लक्षण हैं ?
  4. जुकाम होने के क्या कारण हैं ?

गृह कार्य :–

इन सभी बीमारियों को घर से याद करके तथा लिख कर लाएंगे |
  • कक्षा : 8
  • विषय : गृह विज्ञान ( Home Science )
  • उपविषय : पाकशाला एवं उसका प्रबन्ध
  • लेसन प्लान टाइप : Mega Teaching Lesson

Date :

Duration Of The Peroid :

Pupils Teacher Name :

Pupil Teacher’s Roll Number :

Class :

Average Age Of the Pupils :

Subject :

Topic :

अनुदेशात्मक उद्देश्य :

  1. विद्यार्थी पाकशाला व उसका प्रबंध को पहचानने योग्य होंगे।
  2. विद्यार्थीपाकशाला व उसका प्रबंध से संबंध रखने योग्य होंगे |
  3. विद्यार्थी पाकशाला का प्रबंध का अंतर करने योग्य होंगे |
  4. विद्यार्थी पाकशाला का प्रबंध का निष्कर्ष निकालने योग्य होंगे |
  5. विद्यार्थी पाकशाला व उसका प्रबंध का अर्थ बताने योग्य होंगे |
  6. विद्यार्थी पाकशाला का प्रबंध तथा उसमे पकाने वाले भोजन का महत्व समझाने योग्य होंगे |
  7. विद्यार्थी पाकशाला एवं उसका प्रबंध का विश्लेषण करने योग्य होंगे |
  8. विद्यार्थी पाकशाला का प्रबन्ध का उपयोग समझाने योग्य हो जायेगे |

सहायक सामग्री :

  • (क ) सामान्य सामग्री : चाक ,झाडन,संकेतन आदि |
  • (ख ) विशिष्ट सामग्री : चार्ट, मॉडल, दृश्य सामग्री, पोस्टर आदि |

पूर्व ज्ञान परीक्षा :

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

जिस कक्ष में भोजन पकाया जाता है उसे क्या कहते हैं रसोई घर कैसा होना चाहिए ?

रसोईघर या पाकशाला

रसोई घर कैसा होना चाहिए ?

उत्तर संतोषजनक नहीं प्राप्त होता है |

उद्देश्य कथन :

अच्छा बच्चों आज हम पाकशाला एवं उसका प्रबंध के बारे में अध्ययन करेंगे |

प्रस्तुतीकरण

विषय वस्तु

छात्र अध्यापिका क्रियाएं

छात्र क्रियाएं

पाकशाला व् पाक कक्ष

जिस कक्ष में भोजन पकाया जाता है उसे पाक कक्ष या पाकशाला कहते हैं जिसमें हर प्रकार का भोजन पकाया जाता है जहां पर भोजन पकाने की सभी सामग्री एवं उपकरण उपलब्ध होते हैं और जहाँ भोजन बनाया जाता है

छात्राए ध्यानपूर्वक सुनेगी |

छात्राएं शांत बैठेगी |

पाक कक्ष की व्यवस्था

  • रसोईघर न तो अधिक बड़ा होना चाहिए नहीं अधिक छोटा इसमें सामान रखने के लिए 3 – 4 स्लैब और हैंगर अवश्य होनी चाहिए
  • कूड़ा करकट आदि के लिए ढक्कन दार कूड़ेदान होने चाहिए
  • पाककक्ष शौचालय व् स्नान ग्रह आदि से दूर होना चाहिए
  • रसोईघर को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है |

छात्राए ध्यानपूर्वक सुनेगी |

छात्राए ध्यानपूर्वक सुनेगी |

छात्राएं शांत बैठेगी |

बोध परीक्षा

रसोई घर की खिड़कियां आमने सामने क्यों होनी चाहिए ?

ताकि पर्याप्त मात्रा ऑक्सीजन व् प्रकाश आ सके |

बोध परीक्षा

भंडार घर कहां बना होना चाहिए ?

रसोईघर के पास बनाना चाहिए

भारतीय शैली

इस प्रकार की पाकशाला में भोजन बैठकर पकाया जाता है भारतीय शैली में घर के सदस्यों को जमीन पर बैठा कर खाना परोसा जाता है रसोई घर में एक जाली अलमारी भी होनी चाहिए जिसमें बचा हुआ भोजन आदि सामग्री को अच्छी प्रकार से ढक कर रख दिया जाए जैसे आटा सब्जी दूध दही मक्खन आदि

छात्राए ध्यानपूर्वक सुनेगी | छात्राएं शांत बैठेगी |

बोध परीक्षा

भारतीय देशी शैली में भोजन कैसे बनाते है ?

बैठकर बनाते है |

बोध परीक्षा

रसोईघर प्रकाशमय क्यों होना चाहिए ?

क्योकि हवा भी प्रकाश भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है |

पाश्चात्य या विदेशी शैली का रसोईघर

इस शैली में भोजन खड़े होकर बनाया जाता है इस प्रकार के रसोईघर में दीवार के साथ कमर तक की ऊंचाई की एक स्लैब बनी होती है जिस पर स्टोप या गैस चूल्हा रखा जाता है रसोईघर प्रकाशमय होना चाहिए सामान तथा खाद्य सामग्री सजाने के लिए अलमारी आदि की व्यवस्था होनी चाहिए|

छात्राए ध्यानपूर्वक सुनेगी | छात्राएं शांत बैठेगी |

पुनरावृति :

  1. पाठशाला किसे कहते हैं?
  2. आधुनिक महिलाएं किस प्रकार का रसोईघर पसंद करती हैं?
  3. रसोई घर में किवाड़ कैसे लगे होने चाहिए?
  4. रसोईघर साफ सुथरा क्यों होना चाहिए ?

गृह कार्य :

  • रसोईघर की व्यवस्था से आप क्या समझती हैं ?
  • रसोई घर की व्यवस्था के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? विस्तार से वर्णन करके लाइए |
Home Science Lesson Plan In Hindi

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2 Comments

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  1. Anonymous5:03 AM

    Home science

    ReplyDelete
  2. Anonymous9:20 PM

    B.Ed 1st year exam science ki file

    ReplyDelete

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