पाठ योजना [Path Yojna Kya Hai Or Ise Kaise Banaye?] - How to Make Lesson Plan in Hindi?

पाठ योजना [Path Yojna Kya Hai Or Ise Kaise Banaye?] - How to Make Lesson Plan in Hindi?

पाठ योजना (Path Yojna Kaise Banaye?) | पाठ योजना क्या है? | पाठ योजना की परिभाषा | पाठ योजना की आवश्यकता | पाठ योजना के उद्देश्य | पाठ योजना की रूपरेखा | पाठ योजना बनाने के चरण | पाठ योजना बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें | प्रभावी पाठ योजना बनाने की विशेषताएं

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पाठ योजना क्या है? (What is Lesson Planning In Hindi?)

(Meaning of Lesson Plan in Hindi | Path Yojna Kya Hoti Hai?)

शिक्षक एक पाठ या अध्याय (लेसन) पढ़ाने के लिए उसे छोटी-छोटी इकाइयों(यूनिट्स) में बांट लेता है| जिसे हम प्रकरण (टॉपिक) कहते हैं| एक इकाई की विषय-वस्तु को एक Period में पढ़ाया जाता है| इस विषय वस्तु को पढ़ाने के लिए शिक्षक द्वारा एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाती है| जिसे हम पाठ योजना (लेसन प्लान) कहते हैं|

पाठ योजना की परिभाषा (Defintion)

( Defintion of Lesson Plan in Hindi | Path Yojana Ki Paribhasha)

सिम्पसन के अनुसार-"पाठ योजना में शिक्षक अपनी विशेष सामग्री और छात्रों के बारे में जो कुछ भी जानता है| उन बातों का प्रयोग सुव्यवस्थित ढंग से करता है|"
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा शब्दकोश के अनुसार- "पाठ योजना किसी पाठ के आवश्यक बिंदुओं की रूपरेखा है| जिन्हें उस क्रम में व्यवस्थित किया जाता है| जिस क्रम में अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाना होता है|"

पाठ योजना की आवश्यकता (Need)

(Path Yojna banana Itna Avashyak kyu Hota Hai?) - ( Need or Necessity of Lesson Plan in Hindi | Path Yojna Ki Avashyakta)

एक शिक्षक के लिए पाठ योजना (लेसन प्लान) का निर्माण उतना ही आवश्यक है| जितनी की एक इंजीनियर को भवन निर्माण के लिए मानचित्र या ब्लूप्रिंट की आवश्यक होती है| शिक्षण(Teaching) की प्रक्रिया में पाठ योजना (Lesson Planning) की आवश्यकता के निम्नलिखित कारण हैं|

  1. पाठ योजना में [विशिष्ट उद्देश्य लेखन] शिक्षण (टीचिंग ) को दिशा प्रदान करता है|
  2. पाठ योजना कक्षा नियंत्रण एवं व्यक्तिगत विभिन्नता के आधार पर शिक्षण प्रक्रिया के नियोजन में सहायता प्रदान करती है|
  3. पाठ योजना के माध्यम से शिक्षक शैक्षिक लक्ष्य तथा प्रक्रियाओं का नियमन संपूर्ण लक्ष्य तथा क्रियाओं के रूप में तैयार करता है|
  4. किसी पाठ्यवस्तु के दैनिक शिक्षकों सफलता एवं प्रभावी रूप से प्रदान करने हेतु पाठ योजना अत्यंत सहायक है|
  5. पाठ योजना चिंतन में क्रम व्यवस्था एवं विकास के लिए आवश्यक है|
  6. यह अध्यापक के लिए पथ प्रदर्शन का कार्य करती है|
  7. पाठ योजना के माध्यम से शिक्षा में शिक्षण की क्रियाओं और सहायक सामग्री (Teaching Aids) की पूर्ण जानकारी हो जाती है|


पाठ योजना के उद्देश्य (Aims and Objectives)

( Aims and Objectives of making Lesson Plan in Hindi | Paath Yojna Banane Ke Udeshya)

लेसन प्लान बनाने के उद्देश्य निम्नलिखित हैं|

  1. कक्षा में शिक्षण की क्रियाओं और सहायक सामग्री (टीचिंग एड्स) की पूर्ण जानकारी कराना पाठ योजना का पहला उद्देश्य है |
  2. प्रस्तुतीकरण के क्रम तथा पाठ के रूप में निश्चितता की जानकारी कराना भी पाठ योजन का उद्देश्य है |
  3. पाठ योजन से कक्षा शिक्षण के समय शिक्षक की विस्मृति (ForgetFullness ) की संभावना कम होती है|
  4. निर्धारित पाठ्यवस्तु के सभी तत्वों का विवेचन करना |
  5. शिक्षण अधिगम सहायक सामग्री (Teaching Aids) के प्रयोग के स्थल शिक्षण विधि तथा प्रविधियों का निर्धारण करना|

पाठ योजना की रूपरेखा

Structure And Outline of Lesson Plan in Hindi | Path Yojna Ki RoopRekha | What is the Format of Making Lesson Plan Path Yojna In Hindi?

Lesson Plan की रूपरेखा बनाना अति आवश्यक है| क्योंकि इससे पाठ योजना निर्माण हेतु शिक्षक के समक्ष निश्चित लक्ष्य रहता है| तथा इसी आधार पर शिक्षक कक्षा मे पाठ (Lesson) को प्रस्तुत (Present) करता है|

पाठ योजना बनाने के चरण

Steps of Making Lesson Plan | Path Yojna Banae Ki Charan | Path Yojna Steps

पाठ योजना बनाने के चरण निम्नलिखित है |

  1. सामान्य सूचना
  2. सामान्य उद्देश्य
  3. विशिष्ट उद्देश्य
  4. शिक्षण सहायक सामग्री
  5. पूर्व ज्ञान
  6. प्रस्तावना
  7. उद्देश्य कथन
  8. शिक्षण विधि
  9. प्रस्तुतीकरण
  10. बोधात्मक प्रश्न
  11. श्यामपट कार्य
  12. निरीक्षण कार्य
  13. मूल्यांकन
  14. गृह कार्य

Step 1. सामान्य सूचना ( General Information ) :

सामान्य सूचना में जिस विद्यालय में शिक्षण (Teaching )किया जाता है| उसका नाम सबसे पहले लिखा जाता है| तथा दूसरी लाइन में छात्र अध्यापकों / अध्यापिकाओं का नाम , तत्पश्चात एक तालिका बनाकर सबसे पहले दिनांक, कक्षा, वर्ग ,विषय, कालांश , समयावधि इत्यादि सामान्य सूचनाएं लिखकर पढ़ाए जाने वाले पाठ का शीर्षक (Title) अर्थात प्रकरण लिखा जाता है|

Step 2. सामान्य उद्देश्य (General Objectives) :

लेखन प्रथम बिंदु के आधार पर सामान्य उद्देश्यको निर्धारित किया जाता है| हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, आदि विषयों के सामान्य उद्देश्य भिन्न-भिन्न होते हैं|अर्थात सामान्य उद्देश्य पढ़ाए जा रहे विषय का होता है| जिससे छात्रों के अंदर उन विषय कौशलों का विकास किया जा सके|

Step 3. विशिष्ट उद्देश्य (Specific Aims and Objectives):

पाठ को पढ़ाने में जिस उद्देश्य की प्राप्ति होती है| वह लिखना चाहिए| विशिष्ट उद्देश्य सामान्य उद्देश्य पर आधारित होते हैं| परंतु विशिष्ट उद्देश्य प्रकरण (टॉपिक) से संबंधित होता है| जिस प्रकरण को आप कक्षा-कक्ष में पढ़ा रहे हैं| उस प्रकरण से संबंधित निश्चित योग्यताएं जो फलीभूत होंगी वहीं विशिष्ट उद्देश्य हैं|

Step 4. शिक्षण सहायक सामग्री (Teaching aids) :

पाठ पढ़ाने में किस प्रकार की अधिगम-सामग्री (Learning Material) की आवश्यकता पड़ती है| उसका उल्लेख करना चाहिए | जैसे

  • मॉडल (Model),
  • प्रतिमान,
  • श्यामपट्ट (BlackBoard/ChalkBoard),
  • चॉक(Chalk),
  • डस्टर(Duster),
  • चार्ट(Chart), इत्यादि|

Step 5. पूर्व ज्ञान (Previous Knowledge Testing) :

पूर्व ज्ञान के आधार पर पाठ को प्रस्तावित किया जाता है| अर्थात पूर्व ज्ञान के आधार पर पाठ का प्रारंभ होता है| पूर्व ज्ञान में छात्रों से उस विषय पर कुछ सवाल पूछे जाते है| जिससे पता चल सके के उन्हें उस विषय के बारे में पहले से कितनी knowledge है|

Step 6. प्रस्तावना :

पूर्व ज्ञान के आधार पर शिक्षक प्रश्न या चार्ट के द्वारा पाठ को प्रस्तावित करता है| प्रस्तावना का अंतिम प्रश्न समस्यात्मक होता है|

Step 7. उद्देश्य कथन :

पाठ को पढ़ने के बाद कौन कौन से उद्देश्य पुरे होंगे | उसके बारे में यह लिखा जाता है|

Step 8. शिक्षण विधि (Teaching Method) :

पाठ पढ़ते समय अध्यापक / अध्यापिका कोन-सी शिक्षण विधि का इस्तेमाल करेंगे| उसे यहाँ लिखा जाता है

Step 9. प्रस्तुतीकरण (Presentation) :

पाठ योजना के इस भाग में छात्रों के सम्मुख पाठ्यवस्तु का शिक्षण-बिंदु (Teaching Point) प्रस्तुत किया जाता है|

  • कक्षा 1 से कक्षा 5 तक की कक्षाओं के लिए शिक्षण-बिंदु प्रश्नोत्तर विधि पर आधारित होता है|
  • कक्षा 6 से प्रस्तुतीकरण में पाठ योजना बनाते समय प्रस्तुतीकरण के अंतर्गत कम से कम 3 शिक्षण-बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण बनाना चाहिए | और साथ ही साथ यहां पर विकासात्मक प्रश्न से शिक्षण-बिंदु की शुरुआत करनी चाहिए|
  • विकासात्मक प्रश्न पूछते हुए जब समस्यात्मक उत्तर छात्रों द्वारा आ जाता है| तब उस शिक्षण-बिंदु का स्पष्टीकरण छात्र अध्यापक / छात्र अध्यापिका द्वारा करना चाहिए|
  • स्पष्टीकरण के बाद बोधात्मक प्रश्न पूछने चाहिए|
  • उच्च प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाते वक्त कम से कम 3 शिक्षण-बिंदु पर प्रस्तुतीकरण करना चाहिए|

Step 10. बोधात्मक प्रश्न :

शिक्षक पढ़ाये गए पाठ में से प्रश्न पूछता है, जो बोध प्रश्न कहलाते हैं|

Step 11. श्यामपट कार्य ( Chalkboard Work ) :

शिक्षक द्वारा समय-समय पर कुछ निश्चित श्यामपट्ट कार्य अवश्य करना चाहिए|

Step 12. निरीक्षण कार्य :

शिक्षक द्वारा जो श्यामपट्ट कार्य किए गए हैं| उन्हें छात्र लिख रहे हैं या नहीं उसको कक्षा में घूम घूम कर निरीक्षण अवश्य करना चाहिए|

Step 13. मूल्यांकन प्रश्न (Evaluation) :

मूल्यांकन प्रश्न संपूर्ण शिक्षण-बिंदु पर आधारित होता है| परंतु ध्यान रखने वाली बात यह होती है कि वह बोधात्मक प्रश्न से मिलते जुलते मूल्यांकन प्रश्न नहीं होने चाहिए|

Step 14. गृह कार्य ( HomeWork) :

पाठ के अंत में छात्रों को पाठ से सम्बंधित कुछ कार्य घर के लिए देना चाहिए| और उसकी जांच अगले दिन की जानी चाहिए| जिससे छात्र अर्जित ज्ञान का प्रयोग करना सीख सकें|

पाठ योजना बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

Things which should be kept in Mind While Making Hindi Lesson Plan | Path Yojana Banate Samay Dhyan Rakhne Yogya Baate | Ek Achi Path Yojna Banate Samay Hame Kin Kin Bato Ka Dhyan Rakhna Chahiye?

कक्षा शिक्षण की सफलता एवं असफलता बहुत कुछ लेसन प्लान के निर्माण पर निर्भर करती है| इसीलिए हमें पाठ योजना बनाते समय निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए|

  1. छात्रों की शारीरिक और मानसिक योग्यता एवं क्षमता को जान लेना चाहिए|
  2. पाठ योजना बनाने से पहले विषय का अध्यापक को विस्तृत ज्ञान (Knowledge) होना अति आवश्यक है|
  3. अच्छी पाठ योजना बनाने के लिए शिक्षक को अपने विषय की गहन जानकारी के साथ-साथ अन्य सभी विषयों का सामान्य ज्ञान जरूर होना चाहिए|
  4. प्रकरण को एक या अधिक शिक्षण-बिंदुओं में विभाजित करना चाहिए, परंतु यह ध्यान रखना चाहिए, कि उसी समय अवधि अर्थात कक्षा अवधि में शिक्षण-बिंदु समाप्त हो जाए|
  5. शिक्षण विधि या निति का चयन करना चाहिए|
  6. पाठ योजना का निर्माण करते समय, समय का पूरा ध्यान रखना चाहिए|
  7. पाठ के लिए आवश्यक सामग्री का निर्धारण तथा उसके प्रयोग को सुनिश्चित कर लेना चाहिए|
  8. अध्यापक को शिक्षण सिद्धांत ,शिक्षण सूत्र, तथा शिक्षण विधियों का पूरा ज्ञान होना चाहिए|
  9. शिक्षक को विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान की जानकारी होनी चाहिए|

प्रभावी पाठ योजना बनाने की विशेषताएं

Features of Making Effective Lesson Plan | Prabhavi Path Yojna Kaise Banaye? | Adarsh Path Yojna Ki Viseshtaye or Khubiya

प्रभावी पाठ योजना एक कक्षा में प्रयोग में आने वाली क्रिया की प्रस्तावित रूपरेखा है|

  1. कक्षा में पाठ योजना विधिवत लिखित रूप में होनी चाहिए|
  2. पाठ योजना में प्रयुक्त होने वाली शिक्षण सहायक सामग्री का उल्लेख अध्यापक को अवश्य करना चाहिए| जैसे कि चार्ट, मॉडल ,मानचित्र ,फिल्म, स्लाइड्स ,आदि |
  3. पाठ योजना किसी न किसी उद्देश्य पर आधारित होनी चाहिए |
  4. आदर्श पाठ योजनाविद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए|
  5. पाठ योजना आधुनिक विषय वस्तु होती है, जो शिक्षण-बिंदुओं के रूप में लिखी जाती है|
  6. पाठ को उचित सोपान में विभाजित कर देना चाहिए|
  7. विषय वस्तु का यथासंभव दूसरे विषय से समनव्य होना चाहिए|
  8. लेसन प्लान की भाषा सरल होनी चाहिए|
  9. व्यक्तिगत विभिन्ताओ के आधार पर शिक्षण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए|
  10. जितना ज्यादा हो सके उदाहरणों का प्रयोग करना चाहिए|
  11. विकासात्मक प्रश्नों का प्रयोग करना चाहिए|
  12. गृह कार्य की व्यवस्था होनी चाहिए|
  13. पाठ पढ़ते समय श्यामपट्ट का प्रयोग करते रहना चाहिए|
  14. पाठ की अवधि, कक्षा का स्तर, विषय वास्तु, प्रकरण, अदि सूचनाओं का उल्लेख किया जाना चाहिए|

Further Reference:
www.LearningClassesOnline.com पाठ योजना

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