This lesson plan of social studies in Hindi is on Raja Ram Mohan Roy for teachers and B.Ed, DELED and BTC students.
यह सामाजिक अध्ययन की पाठ योजना पुनर्बलन कौशल पर बनाई गई है, जिसमें राजा राममोहन राय का विषय लिया गया है, जो कि हमारे इतिहास हमारे हिस्ट्री में आता है, इसमें इस पाठ योजना में राजा राममोहन राय जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसे पढ़कर बीएड, बीटीसी ,डीएलएड में पढ़ रहे छात्र छात्राओं को बहुत सहायता मिलेगी और साथ ही साथ स्कूल में पढ़ा रहे हैं अध्यापक अध्यापिकाओं को भी इस का बहुत लाभ होगा|
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण :
- Class : 6th 7th 8th 9th and 10th Class
- Subject : Social Science
- Topic : राजा राममोहन राय
- Type : MicroTeaching Lesson Plan
- Skill : पुनर्बलन कौशल

Raja Ram Mohan Roy Lesson Plan in Hindi for Class 6th to 10th on Micro Teaching Skill - Punarbalan Kaushal For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - राजा राममोहन राय पाठ योजना
Date : | Duration Of The Peroid : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
पुनर्बलन कौशल ( राजा राम मोहन राय ) Social Studies Lesson Plan in Hindi
छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र क्रियाएं: |
ब्रह्म समाज के संस्थापक कौन थे?
"शाबाश” ( प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग ) |
राजा राममोहन राय |
राजा राममोहन राय का जन्म कहां और कब हुआ था? | बंगाल में, राधा नागौर में 22 मई, 1772 को |
इन्हें राजा की उपाधि दी थी?
छात्र अध्यापक कथन:राजा राम मोहन राय को राजा की उपाधि मुगल सम्राट अकबर ने दी थी| ( विद्यार्थियों की अनुक्रियाओं को दोहराना वाले शब्दों में व्यक्त करना ) |
मुगल सम्राट अकबर ने |
राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना कब की थी?
शाबाश ! बहुत अच्छा ( प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग ) |
20 अगस्त, 1828 में |
इनके प्रयासों से ही सती प्रथा पर कब और किस अंग्रेज अफसर ने रोक लगाई?
"गर्दन ऊपर नीचे हिलाना" (धनात्मक अशाब्दिक क्रियाओं का प्रयोग) |
4 दिसंबर, 1829 को लॉर्ड बेंटिक ने |
राजा राममोहन राय की मृत्यु कब और कहां पर हुई?
“हूँ” ( अतिरिक्त शाब्दिक पुनर्बलन का प्रयोग ) |
27 सितम्बर, 1835 को ब्रिस्टल में| |
निरीक्षण तालिका:
टेलियाँ: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
|| | प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 6 |
| | विद्यार्थियों की भावनाओं की स्वीकृत कथन | 0 1 2 3 4 5 6 |
| | विद्यार्थियों की अनुक्रियाओं को दोहराना वाले शब्दों में व्यक्त करना| | 0 1 2 3 4 5 6 |
| | धनात्मक अशाब्दिक क्रियाओं का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 6 |
| | अतिरिक्त शाब्दिक पुनर्बलन का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 6 |
Similar Posts

Post a Comment
Please Share your views and suggestions in the comment box