Hindi Lesson Plan for Class 6th teachers on Kabir Ki Sankhiyan
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा : छठी
- विषय : हिंदी
- टॉपिक : कबीर की साखियाँ
- पाठ योजना प्रकार : मेगाटीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|

अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
पाठोपरांत:
- विद्यार्थी कविता के स्वर प्रवाह तथा भाव के अनुसार साखियों के ज्ञान को प्राप्त कर पाएंगे|
- कविता की सामान्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे|
- विद्यार्थी कविता की उपयोगिता समझ पाएंगे|
- विद्यार्थी कविता के प्रति अपनी भावनाओं को सक्रिय कर पाएंगे|
- विद्यार्थी सच्चाई व ईमानदारी के महत्व को समझ कर उनका प्रयोग कर सकेंगे|
- साखियों का मूल्यांकन कर पाएंगे| कविता का संश्लेषण कर पाएंगे|
सहायक सामग्री:
- सामान्य:चौक, बोर्ड, झाड़न, संकेतिका, पुस्तक
- विशिष्ट:चार्ट, मॉडल, रेडियो-स्लाइड
- कविता चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
बच्चों क्या आपने संत कबीर का नाम सुना है? | हाँ |
निर्गुणकारी ईश्वर में विश्वास रखने वाले कवि कौन थे? | कबीरदास जी| |
प्राचीन काल के कवि कौन से हैं? | तुलसी दास, रहीम दास, कबीर, बिहारी लाल आदि| |
संत कबीर की रचनाओं को क्या कहते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन:आओ बच्चों आज हम कबीर जी के विषय में जानेंगे व उनकी रचनाओं को पढ़ेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
क्रम संख्या: | शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
1. | कबीर संगत साधु की, हरे और की व्याधि ! संगत बुरी साधु की, आठों पहर उपाधि | आदर्श वाचन व वार्तालाप विधि | कबीरदास कहते हैं, कि एक सज्जन व्यक्ति अर्थात गुणवान व्यक्ति के साथ रहने से दुर्जन व्यक्ति भी सत्कर्म करने लगता है| जो व्यक्ति बुरे कार्य करते हैं, वह भी सच्चे ईमानदार व्यक्तियों के संपर्क में आकर बुरे कर्मों से बचने की कोशिश करते हैं|
बुरे कर्मों में लिप्त व्यक्तियों के संपर्क में रहने पर अच्छा व्यक्ति भी बुरे कार्य करने लगता है, अर्थात बुराई से बुरा होता है| |
प्रश्न
उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर |
2. | संगति का उदाहरण | प्रदर्शन विधि | अंगुलिमाल डाकू के नाम से प्रसिद्ध वाल्मीकि उल्टा नाम के महत्व को समझें और रामायण की रचना की| | |
3. | संबंधित प्रश्न | प्रश्न विधि | अंगुलिमाल डाकू का क्या नाम पड़ा? | वाल्मीकि |
4. | कबीरा यह घर प्रेम का खाला का घर नाहि सीस उतारे हाथ करि तब घर पैठे माहिं| | आदर्श वाचन व व्याख्या विधि
व्याख्या विधि |
कबीरदास में आत्मा और परमात्मा के बीच की खाई को संबंधित साखी के माध्यम से बताया है, कि परमात्मा को प्राप्त करना अर्थात ईश्वर की प्राप्ति साधारण व्यक्ति को नहीं हो सकती क्योंकि यह तो सच्ची साधना का कार्य है| इस प्रेम रूपी घर में आशय पाना सब का कार्य नहीं है, कोई भी व्यक्ति इस में सरलता से प्रवेश नहीं पा सकता, इसमें वही व्यक्ति प्रवेश पा सकता है, जो अपना सर कटवा सकता है, अर्थात अपने जीवन की परवाह ना करें वही परमात्मा को पा सकता है| | प्रश्न
उत्तर |
5. | संबंधित प्रश्न | प्रश्न विधि | कबीर ने गुरु की महिमा से ईश्वर प्राप्ति का रास्ता बताया गया है|
ईश्वर प्राप्ति के लिए कबीर जी ने क्या राह बताई है| |
मूल्यांकन:
- अच्छे व्यक्तियों की संगति क्यों करनी चाहिए|
- अच्छे व्यक्तियों को समाज में सम्मान क्यों मिलता है?
- आत्मा और परमात्मा का मिलन कैसे संभव है?
गृहकार्य:
- कबीर की साखी का क्या अर्थ है?
- असाधु शब्द का क्या अर्थ है?
- अच्छी संगत के परिणाम क्या होते हैं?
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